Printing press कब और किसने बनाई
Printing press ( छापाखाना ) - छापाखाना जिसे हम Printing press भी बोलते हैं इसका
अविष्कार जर्मन के एक व्यक्ति जो मेज नामक नगर में रहते थे! Printing press को बनाने वाले व्यक्ति जिनका नाम जोहंस गुटेनबर्ग था! गुटेनबर्ग का जन्म सन् 1410 में हुआ था! गुटनबर्ग ने सबसे पहले छापाखाने में सबसे पहले कुछ चित्रों को छापा और इसके बाद इसमें एक पुस्तक को भी छापा गया जिसका नाम गुटेनबर्ग बाईबल था जो इनके जीवन पर आधारित थी! गुटेनबर्ग अपना सारा काम छोड़ कर इसमें इतना मग्न हो गए और कुछ समय बाद इनकी महनत रंग लाई इन्होंने "जान महात्मा"
नामक पुस्तक छाप दिखाई! और बाईबिल जैसेे धर्म ग्रंंथ को एडिन ने छापा और फिर इसका शोर देश - विदेश गूंज उठा! फिर हमारे देश के एक व्यक्ति जो भारत में गुजरात में रहते थे जिनका नाम भीमजी भाई था उन्होंने भारत में सबसे पहले Printing press लगाई थी! फिर इस Printing press मशीन में देवनागरी जैसे अक्षर यूरोप कारीगरों दूयारा डलवाए गए!
चलिए अब हम इस (Printing press) को कविता के दुयारा जानते हैं__
बना नहीं था जब इस दुनिया में छापाखाना
पड़ने - लिखने में पड़ता था सबको कष्ट उठाना
लेखक अभी पुस्तकें लिखते थे हांथो से अपने
छापेख़ाने ने कर डाला सच्चे उनके सपने
सोचा करते थे, क्योंकर हम प्रतियां अधिक निकालें
ताकि सभी पड़ सकें पुस्तकें , उनसे लाभ उठा लें
छापेख़ाने से ये सारी दूर हुई कठिनाई
इसने शिक्षा के प्रसार में बड़ी मदद पहुंचाई
सबसे पहले चीन ने की थी शुरू छपाई
फिर तो यही योजना सारे जग के सम्मुख आई
नए बनाए टाईप और ब्लाकों से करी छपाई
जर्मन लोगों ने तो इसमें खूब सफलता पाई
गुटेनबर्ग ने सबसे पहले कुछ चित्रों को छापा
फिर छापी पुस्तक और उसने इस रीति को भापा
गुटेनबर्ग का जन्म हुआ था सन् चौदह सौ दस मैं
एक साहसी की सी शक्ति , थी उनकी नस - नस में
जर्मन ' मेज ' नगर में रहकर उसने शिक्षा पाई
शिल्पकला और चित्रकला में काफी रुचि दिखाई
एक जौहरी का तो उसने धंधा था अपनाया
पर छापे के अविष्कार में अपना ध्यान लगाया
चाकू लेकर नित्य बनता तख्ते पर रेखाएं
ताकि काठ में कई अनौखी चित्र उभर कर आएं
सोचा उसने एक दिन क्यों अच्छर छापे जाए
छपे पुस्तकें जिनसे उनका सब ही लाभ उठाएं
था अवश्य मुश्किल यह सारा काम अकेले करना
पर निश्चय था दृढ़ उसका जो करना है सो करना
छोड़ा निज व्यापार इसी में ऐसी लगन लगाई
' जान महात्मा ' नामक पुस्तक आखिर छाप दिखाई
' बाईबिल ' जैसे धर्म ग्रंथ को एडिन ने फिर छापा
बस फिर क्या ? गूंजा जग में शोर शरापा
कुछ सहयोगी मिले और हर दिन उनको पनपाया
वर्क - शाप में पीटर नामक नौकर एक लगाया
शुरू - शुरू में उसको आगे बाधाए भी आई
पर पीटर से सहयोग ने हिम्मत खूब बड़ाई
छपने में थी बहुधा जाती फैल बहुत सी स्याही
पीटर ही ने यह भी मुश्किल तुरत - फुरत सुलझाई
पीटर को लोगों ने एडिन के खिलाफ भड़काया
और मित्रता में उनकी जैसे रोड़ा अटकाया
हुआ नतीजा छापाखाना कुर्क हुआ एडिन का
उनके लोग विरोध बनते नाम फैलता जिनका
फस्ट नाम के सहयोगी ने पाया छापाखाना
एडिन को वह प्रेस अंत में पड़ा छोड़कर आना
फस्ट और पीटर ने मिलकर खूब प्रसिद्धि पाई
फ्रांस देश में पहुंच उन्होंने जब थी प्रेस लगाई
ख्याति मिली उन्ही को इसकी सब एडिन को भूले
कपटी पीटर की आंखो में सुख के सपने झूले
लेकिन फस्त और पीटर में हुआ एक दिन झगड़ा
फ्रांस नगर के लोगो ने यूं जाना सारा रगड़ा
' मेज ' पहुंचकर पीटर ने एडिन से मांगी माफी
छमा कर दिया उसको लेकिन नहीं बनाया साथी
तब तक जर्मन सत्ता ने भी उसके गुड को माना
धीरे - धीरे उस प्रतिभा को सारे जग ने माना
प्रथम श्रेय छापे खाने का एडिन ने ही पाया
जनहित में था जिसका अपना जीवन सभी बिताया
हौले - हौले छापाखाना बड़ा प्रगति के पथ पर
बिजली की ताकत से अब तो चलता उन्नत होकर
अंग्रेजी देशों में सबसे पहले छापाखाना
शुरू किया विलियम केक्स्टन ने, ये है तुम्हें बताना
राजकीय सम्मान और सुविधाएं उसने पाई
फिर थी यूरोप के देशों ने प्रेसें कई लगाई
था गुजरात प्रांत का जिसका नाम भीमजी भाई
भारत में सबसे पहले थी जिसने प्रेस लगाई
छापे में थे देवनागरी के अच्छर डलवाए
यूरोप के देशों से उसने कारीग बुलवाए
पहिले जो था कठिन काम अब पलक झपकते होता
लांखो की संख्या में छापा हर पुस्तक दे देता
निसंदेह अमर हैं एडिन , उसका छापाखाना
सचमुच कितना मुश्किल होता जग को राह बताना
( आशा करते हैं कि आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी अगर आपको कुछ गलती दिखे तो आप comment box में बता सकते हैं "Thank you" 🙏 )
Your Question My Answer
Printing press की स्थापना कब हुई ?
Printing press की स्थापना सन् 1448 में हुई
Printing press की खोज किसने की ?
Printing press की खोज जोन्स गुटेनबर्ग ने की
जोन्स गुटेनबर्ग का जन्म किस देश में हुआ था ?
जोन्स गुटेनबर्ग का जन्म फ्रांस के मेज नगर में हुआ था
जोन्स गुटेनबर्ग ने सर्वप्रथम किस पुस्तक की छपाई की ?
जोन्स गुटेनबर्ग ने सर्वप्रथम ' जान महात्मा ' नामक पुस्तक की छपाई की
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